प्रयागराज।प्रयागराज की नाट्य संस्था स्पर्श फिजिकल आर्ट एंड कल्चर के अंतर्गत इलाहाबाद विश्वविद्यालय के युवा अमर पदमधर के जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति का मंचन हुआ जिसका विषय इस प्रकार है। 10 अगस्त को इलाहाबाद यूनियन हाल के पास छात्रों के ग्रुप आपस में बातचीत कर रहे थे। उनकी बातचीत का विषय तत्कालीन भारत छोड़ो आन्दोलन” था। महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आन्दोलन की घोषणा का असर मुम्बई से शुरू होकर दिल्ली-पटना-वाराणसी अब इलाहाबाद पहुंच चुके थे। 12 अगस्त की सुबह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सामने छात्र की भीड़ एकत्रित होना शुरू हो गयी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्राओं की टोली का नेतृत्व नयन तारा सहगल और छात्रों की टोली का नेतृत्व लाल पद्मधर कर रहे थे तभी इलाहाबाद के तत्कालीन कलेक्टर डिक्शन और पुलिस एस०पी० आगा ने जुलूस को बल प्रयोग करके तितर-बितर करने का प्लान बनाया। हवाई फायर का असर जब जुलूसों पर नहीं हुआ तो डिक्शन गुस्से में बौखला गया। उसने छात्राओं को जुलूस की ओर इशारा किया और फायरिंग करने का आदेश दिया। गोली से बचने के लिए छात्राए जमीन पर लेट गयी लेकिन हाथ में तिरंगा लिए नयन तारा सहगल अपनी जगह पर खड़ी रहीं। इधर लाल पदमपर ने तिरंगा अपने हाथ में थामा और कचेहरी की तरफ बढ़ा दिया। घोडे पर सवार कलेक्टर डिक्शन ने एस०पी० आगा को गोली मारने का आदेश दे दिया तब तक एस०पी० आगा ने अपनी पिस्तौल से लाल पद्मधर की छाती पर दो गोली दाग दी। इस तरह से देश का एक और सपूत अमर हो गया।
नाट्य लेखन एवं मार्गदर्शन शहर के युवा रंगकर्मी ज्ञान चंद्रवंशी का था। परिकल्पना एवं निर्देशन हर्ष कुमार पाण्डेय, सह निर्देशन अमन कुमार चौधरी एवं प्रस्तुति नियंत्रक वरिष्ठ रंगकर्मी मनीष कपूर थे। इस छोटे से विषय पर संक्षिप्त नाट्य प्रस्तुती में प्रतिभाग करने वाले कलाकार इस प्रकार है। भूपेंद्र सिंह, विशेष पाण्डेय चंद्रजीत यादव, अमन चौधरी, शिव ताहू, प्रज्वल मौर्य, वेद, आयुष, आलोक, आशीष, वैष्णवी, श्लोक, दक्ष, सागर, प्रिंस, वेदांत, कार्तिकेय, श्रेया. सुमित पाण्डेय आदि कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि अजय मिश्रा थे। स्वामी विवेकानन्द इण्टर कॉलेज में मंचन हुआ। इसके बाद 11:00 बजे से यूनियन गेट छात्र संघ भवन से लाल पद्मधर चौराहा के मनमोहन पार्क के लिए जुलूस निकलेगा और दिनांक 14 अगस्त 2024 को नाटक का मंचन हुआ एवं दूसरा मंचन यूनियन हॉल छात्र संघ भवन, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मंचन किया गया। सहयोगकर्ता कुलानुशासक डॉ. के.के, उत्तम, डॉ. संतोष सिंह, डॉ. हर्ष, राहुल पटेल, अखिलेश गुप्ता (पूर्व छात्र) आदि थे।
Anveshi India Bureau