रंगपंचमी के पावन अवसर पर वैकुण्ठधाम आश्रम संस्कृत महाविद्यालय के भगवान श्री विष्णु मन्दिर प्रांगण में भारतीय सांस्कृतिक परिषद एवं विविध फाउण्डेशन की ओर से श्री जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री धराचार्य जी महाराज के शुभाशीर्वचन से श्रद्धालुओं ने बहुत उत्साह से फूलों की होली खेली। स्वामी जी ने होली को मानव कल्याण का महत्वपूर्ण त्योहार बताया है। इसको अधर्म और असत्य पर धर्म और सत्य की विजय बताया।
इसके पूर्व कार्यक्रम के प्रारम्भ में बटुक ब्राह्मणों ने स्वस्तिवाचन कर प्रभु के चरणों में पूजन-अर्चन किया। स्वामी श्रीधराचार्य जी महराज ने सभी भक्तों को शुभाशीष दिया एवं होली का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व पर अपना सन्त-वचन दिया। प्रख्यात भजन गायक रत्नेश दुबे ने भजन एवं होली गीत की संगीतमय प्रस्तुति दी जिस पर लोग झूम उठे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुर्गेश दुबे ने अतिथियों का अभिनन्दन किया। समारोह में प्रसिद्ध मूंछ नर्तक राजेंद्र तिवारी दुकान जी कि सांस्कृतिक प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। संस्था के महानगर अध्यक्ष सतीश गुप्त ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। विविड फाउन्डेशन के अध्यक्ष विकास मिश्र ने सन्तों को माल्यार्पण कर अभिनन्दन किया। समारोह का संचालन आचार्य डाॅ शम्भूनाथ त्रिपाठी’अंशुल ने किया। होली मिलन समारोह में बड़ी संख्या में शिष्य, शहर के लोग शामिल हुए ।
Anveshi India Bureau