क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करने वाले का ब्यौरा मिलना कम से कम मौजूदा स्थिति में बेहद कठिन है। यही वजह है कि पीड़ित के खाते से बैंक खातों में रकम ट्रांसफर कर नकदी निकालने के मामले में अपराधी पकड़े जाते हैं लेकिन क्रिप्टो में निवेश के बाद जांच अटक जाती है
जार्जटाउन में पूर्व आईएफएस अफसर की पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर 1.48 करोड़ की ठगी की गई। मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर हुई पूछताछ में पता चला कि मास्टरमाइंड ने रकम क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर विदेश में भेजी और फिर वहां से अपने पास मंगवाई। इसके बाद से जांच अटकी पड़ी है।
केस दो
अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह की एजेंट शबीना समेत तीन को गिरफ्तार कर पूर्व सीएमओ से 1.26 करोड़ की ठगी का खुलासा किया गया। उन्होंने बताया कि पूर्व सीएमओ के खाते से उड़ाई गई रकम क्रिप्टोकरेंसी के जरिए दुबई-ताईवान में बैठे सरगना को भेजी। फिलहाल जांच इसके बाद आगे नहीं बढ़ सकी है।
केस तीन
नैनी में ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी में 14 लोग गिरफ्तार हुए लेकिन महीनों बीतने के बाद भी सरगना राहुल साव फरार है। यह बात भी सामने आई है कि उसने यूपी, बिहार, कोलकाता में अपने एजेंटों के जरिए करोड़ों रुपये कमाए और फिर क्रिप्टोकरेंसी के जरिए इन्हें अपने सरगना तक भेजा।