उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की आधिकारिक बेवसाइट में सेंधमारी का मामला प्रकाश में आया है। सरकारी वेबसाइट खोलने पर ऐसी जानकारी मिल रही है जिसका विभाग से कोई लेना देना नहीं है। हैरत की बात यह है कि इसकी जानकारी भी विभागीय अधिकारियों को नहीं है।
बेसिक शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट आजकल यह बता रही है कि बिहार में गाय पालने की योजना का लाभ कैसे उठाएं। मध्य प्रदेश की लाडली योजना क्या है और मध्य प्रदेश शिक्षा बोर्ड का परिणाम कैसा रहा? समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय की वेबसाइट को क्लिक करने पर भी ऐसी ही खबरें सामने आ रही हैं। हैरतअंगेज है कि सरकारी पोर्टल में हुई इस सेंधमारी से अफसर पूरी तरह बेखबर हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग की वेबसाइट (https://basiceducation.up.gov.in) के मुख्य पृष्ठ पर बेसिक शिक्षा निदेशालय, समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय, एससीईआरटी, बेसिक शिक्षा बोर्ड, मिड-डे मील और साक्षरता निदेशालय का लिंक दिया गया है। इसमें बेसिक शिक्षा निदेशालय और समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय पर क्लिक करते ही नया पेज खुलता है। इसमें विभागीय जानकारी के बजाय यूपीईएफए डॉट कॉम खुलती है।
यह एक निजी वेबसाइट है, जिसमें विभिन्न राज्यों की सरकारी योजनाओं से जुुड़ी खबरें प्रसारित हो रही हैं। वेबसाइट ने अपने घोषणा पत्र में साफ-साफ लिखा है कि उसका सरकारी विभागों से कोई संबंध नहीं है। इसके बाद भी सरकारी वेबसाइट से इसका लिंक हो जाना और वहां खबरों का बेधड़क प्रसारण होना हैरतअंगेज है। बेसिक शिक्षा विभाग की साइट पर विभाग की एक भी योजना का जिक्र नहीं होना भी चौंकाता है। प्रेरणा पोर्टल का भी यही आलम है। यहां बेसिक शिक्षा का जो लिंक दिया गया है, उसे क्लिक करने पर कुछ और ही खुल रहा है।
6.26 लाख शिक्षकों से जुड़ी है वेबसाइट
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