इलाहाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा की हार के बाद चुनाव से पहले पाला बदलकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले यमुनापार के कई ब्लॉक प्रमुखों की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। अपनी प्रमुखी बचाने के लिए वह विधायक के साथ मुख्यमंत्री के यहां पहुंचकर गुहार लगाई।
लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद सीट पर भाजपा की पराजय के बाद यमुनापार की सियासी प्याली में तूफान आ गया है। हार के कारणों की समीक्षा में भाजपा ने भितरघात के अलावा कुछ नेताओं-कार्यकर्ताओं की निष्कियता को अहम कारण के रूप में गिनाया है। इन सबके बीच यमुनापार के सात ब्लॉक प्रमुखों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू करा दिया गया है। कुर्सी बचाने के लिए इन ब्लॉक प्रमुखों ने सीएम योगी आदित्यनाथ की शरण ली है।
कहा जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर सपा के समर्थन से ही जीते थे। बाद में भाजपा का दामन थाम लिया था। स्थानीय निकाय विधान परिषद चुनाव में इन ब्लॉक प्रमुखों ने भाजपा का समर्थन किया था। अब लोकसभा चुनाव के दौरान यमुनापार में भाजपा के हारने के बाद जहां एक ओर भितरघात के लिए कई बड़े नेताओं को चिह्नित किया गया है, वहीं सपा से भाजपा में आए ब्लॉक प्रमुख पर अविश्वास की तलवार लटकने लगी है।
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