Monday, September 16, 2024
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Kannauj : अब नहीं चलेगा कागज में खेत… धरातल पर प्लॉटिंग का खेल, जिले में फैला है भूमाफियाओं का जाल!

Unnao News: कानपुर आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद खेतों में प्लॉटिंग कर रहे भूमाफियाओं के खिलाफ प्रशासन भी सख्त हुआ है। इसके तहत शहर के आसपास और ग्राम पंचायत क्षेत्रों में प्लॉटिंग व निर्माणों की जांच होगी।

उन्नाव जिले में शहरी सुविधाओं वाले क्षेत्र में प्लॉट और मकान का सपना दिखाकर कृषि भूमि पर प्लॉटिंग करके कमाई कर रहे जमीन के कारोबारियों पर प्रशासन ने शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। कानपुर आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई के बाद कागज पर खेत,धरातल पर प्लॉटिंग-कॉलोनी के खेल को रोका जाएगा।

सख्त कार्रवाई के लिए वृहद कार्ययोजना तैयार की जा रही है। सात अगस्त को कानपुर आयकर विभाग की ओर से बेनामी संपत्ति पर शिकंजा कसते हुए हाईवे के पास हुसैन नगर और ओरहर गांव में प्लॉटिंग वाली दस जमीनों को बेनामी संपत्ति घोषित कर दिया था। इस कार्रवाई ने जिले में प्लॉटिंग की आड़ में चल रहे घालमेल के खेल को उजागर कर दिया है।

जिला प्रशासन इस खेल को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई की कार्ययोजना तैयार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक मामूली स्टांप ड्यूटी चुका कर कृषि भूमि की रजिस्ट्री कराने के बाद तथाकथित प्रापर्टी डीलर और हाउसिंग सोसायटी तैयार करने वाली अंतरजनपदीय कंपनियों ने मौजूदा समय में जिले में करीब दो सौ हेक्टअर में अपना कारोबार फैला रखा है।

नहीं मिलता है मूलभूत सुविधाओं का लाभ
कारोबार करने वाले प्लॉटिंग को कॉलोनी का स्वरूप देकर और लोगों को सभी तरह की शहरी सुविधाओं के सपने दिखाकर प्लॉटों की बिक्री कर रहे हैं। वह अपने एजेंटों के माध्यम से ग्राहक तैयार करते हैं और इसके बदले में एजेंटों को भी कमीशन और ईनाम भी देते हैं। हालांकि नगर पालिका, नगर पंचायत या प्राधिकरण क्षेत्र से बाहर होने और भूमि का उपयोग (कृषि उपयोग से आवासीय उपयोग) में परिवर्तन न होने से प्लॉट खरीदने वालों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ भी नहीं मिलता।

भूमि का उपयोग परिवर्तन कराया गया या नहीं
डीएम गौरांग राठी ने सभी एसडीएम को ऐसी प्लॉटिंग को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम ऐसे क्षेत्रों का निरीक्षण कर वहां हो रही प्लॉटिंग और उस जमीनों के मालिकों का पता लगाएंगी। जांच होगी कि प्लॉटिंग करने के लिए उस भूमि का उपयोग परिवर्तन कराया गया या नहीं इसकी भी जांच होगी।

महानगर और राजधानी से सटा होना बना पसंद
शहर के आसपास के गांवों के अलावा हाईवे, एक्सप्रेसवे, गंगा बैराज, ट्रांस गंगा सिटी और घोषित एससीआर (राज्य राजधानी क्षेत्र) के आसपास के क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों में कारोबारियों ने अपना जाल फैला लिया है। महानगर कानपुर और राजधानी लखनऊ के बीच का जिला होने से महानगर और राजधानी की अपेक्षा कम कीमत में प्लाट मिलने की वजह से लोग खूब खरीदारी भी कर रहे हैं।

ये होगा जरूरी

  • जिल पंचायत से प्लाटिंग का नक्शा पास कराना जरूरी।
  • भूमि का कृषि उपयोग से आवासी उपयोग में परिवर्तन।
  • खरीद, बिक्री में आवासीय क्षेत्र के लिए निर्धारित स्टांप ड्यूटी।

जिले की सभी ग्राम और नगर पंचायतों का सर्वे होगा। अभिलेखों से पंचायतों की जमीनों की मौजूदा स्थिति का मिलान भी कराया जाएगा। इनमें ग्राम समाज की चरागाह, ऊसर, बंजर, खलिहान, तालाब, वन, नाला, सिंचाई नालियों, चकरोड आदि की पैमाइश करके चिन्हित किया जाएगा। साथ ही ग्राम पंचायत की मौजूदा स्थिति को दर्शाते हुए उसके फोटो सहित बुकलेट भी तैयार होगी।  -गौरांग राठी, डीएम उन्नाव
Courtsy amarujala.com
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