Saturday, July 27, 2024
spot_img
HomePrayagrajप्रयागराज के पौराणिक विरासत की दर्शनीय संप्रभुता अति आवश्यक- दुर्गेश दुबे

प्रयागराज के पौराणिक विरासत की दर्शनीय संप्रभुता अति आवश्यक- दुर्गेश दुबे

भारतीय सांस्कृतिक परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुर्गेश दुबे के अल्लापुर स्थित निवास पर परिषद् की बैठक आहुत की गयी। शास्त्रों एवं धर्म ग्रन्थों में लिखित पौराणिक नगर प्रयागराज के अन्यान्य धर्म स्थल को दर्शनीय बनाने एवं उनकी खोज कर विश्व पटल पर प्रयागराज के महात्म्य के साथ प्रकाशित एवं दर्शन योग्य प्रदर्शित करने के विषय पर गहन चर्चा हुई। पौराणिक साक्ष्य के माध्यम से विलुप्त आध्यात्मिक एवं दैवीय स्थानों को पूर्ण संप्रभुता प्रदान कराने हेतु बैठक में उपस्थित समस्त गणमान्य जन, धर्माचार्यों , बौद्धिक महापुरुषों ने समवेत स्वर में समर्थन दिया और उसके निमित्त शासन-प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से विषय को स्पष्टरुप से सौंपने पर निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता डाॅ शम्भूनाथ त्रिपाठी’अंशुल’ जी ने किया। बैठक में शशी शेखर तिवारी, सुरेन्द्र नाथ मिश्रा अपर शासकीय अधिवक्ता, आचार्य शिवम् नन्दन त्रिपाठी, आचार्य आनंद त्रिपाठी, प्रभाकर द्विवेदी, सिद्धार्थ सिंह अधिवक्ता, शैलेन्द्र कुमार मिश्र, राजेन्द्र कुमार तिवारी’दुकान जी, कमलेश दुबे, ख्यातिलब्ध भजन गायक रत्नेश दुबे, डाॅ बी के सिंह, आदि महानुभावों ने अपने विचार व्यक्त किये। भारतीय सांस्कृतिक परिषद के महानगर अध्यक्ष सतीश कुमार गुप्त ने प्रयागराज की अपार महिमा “को कहि सकहि प्रयाग प्रभाऊ” का गुणगान कर उपरोक्त विषय पर अपने मत रखे। वर्षभर आने वाले श्रद्धालुओं और संगम स्नानार्थियों को प्रयागराज के पर्यटन से जोड़ने हेतु शासन की स्पष्ट नीति पर चर्चा हेतु आगे की रणनीति पर चर्चा भी हुयी।

 

Anveshi India Bureau

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments