प्रयागराज में खतरे का निशान 84.734 मीटर है। बुधवार को दोपहर 12 बजे तक फाफामऊ में 79.63 मीटर जलस्तर है। इसमें दो सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। इसी तरह छतनाग में 79.49 मीटर है। यहां पर 16 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। इसी तरह यमुना का जलस्तर नैनी में 80.28 सेंटीमीटर है। इसमें चार घंटे के भीतर 26 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है।
कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के बाद गंगा और यमुना का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। इससे तटवर्ती इलाकों में खलबली मच गई है। जलस्तर घटना के बाद दुकानदारों ने फिर से घाट के आसपास अपना डेरा डंडा लगाना शुरू कर दिया था। माना जा रहा था कि अब जलस्तर लगातार कम ही होगा, लेकिन मंगलवार की रात से जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि अभी कोई चिंताजनक जैसी स्थिति नहीं है।
प्रयागराज में खतरे का निशान 84.734 मीटर है। बुधवार को दोपहर 12 बजे तक फाफामऊ में 79.63 मीटर जलस्तर है। इसमें दो सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। इसी तरह छतनाग में 79.49 मीटर है। यहां पर 16 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। इसी तरह यमुना का जलस्तर नैनी में 80.28 सेंटीमीटर है। इसमें चार घंटे के भीतर 26 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि गंगा अभी श्री बड़े हनुमानजी मंदिर से काफी दूर हैं।
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