सपा के बीडीसी सदस्यों के समर्थन से ब्लॉक प्रमुख बनने के बाद लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा का दामन थाने वाले जिले के तमाम ब्लॉक प्रमुखों ने सीएम योगी से मुलाकात की है। कुछ दिन पहले पूर्व सांसद रेवती रमण ने एक बयान जारी करके कहा था कि सपा के सहयोग के प्रमुख बनने के वाले भाजपा नेताओं को नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए।
पूर्व सांसद रेवती रमण सिंह द्वारा दिए गए बयान कि सपा समर्थन से बने ब्लॉक प्रमुख नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें उसे लेकर भाजपा में हड़कंप मचा हुआ है। यमुनापार में रेवती रमण का यह बयान सुर्खियों में बना हुआ है। इसके बाद से ही भाजपा में हलचल तेज हो गई है। बीते दस दिन के दौरान करछना से भाजपा विधायक पीयूष रंजन निषाद दो बार सीएम योगी से मुलाकात कर चुके हैं।
रविवार को भी वह भाजपा नेता अशोक सिंह संग कई ब्लॉक प्रमुखों के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले। मुलाकात के बाद पीयूष ने कहा कि सीएम ने कहा है कि प्रदेश में कहीं भी अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा।दरअसल नौ जून को ही पूर्व सांसद एवं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रेवती रमण सिंह से यमुनापार के कुछ प्रधान एवं क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने मुलाकात की।
तब रेवती ने उनसे कहा कि सपा के समर्थन से बने ब्लॉक प्रमुखों को नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दे देना चाहिए। यदि वे इस्तीफा नहीं देते हैं तो आप लोग ऐसे सभी ब्लॉक प्रमुखों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएं, मैं उसका समर्थन करुंगा। रेवती का यह बयान राजनैतिक गलियारे में छा गया।
इसके बाद ही विधायक पीयूष रंजन निषाद करछना ब्लॉक प्रमुख कमलेश द्विवेदी संग 14 जून को सीएम योगी से लखनऊ में मिले। इस मुलाकात के बाद विधायक एक बार फिर रविवार दोपहर 12.30 बजे के आसपास सीएम आवास कुछ ब्लॉक प्रमुखों के साथ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्रयागराज में भारतीय जनता पार्टी के ब्लॉक प्रमुख खासकर ब्राह्मणों के उत्पीड़न के बारे में बताया। कहा कि भाजपा के खिलाफ माहौल बनाकर यह प्रयास किया जा रहा है कि पार्टी के ब्लॉक प्रमुखों को उनके पद से हटाया जाए ।
Courtsyamarujala.com