Friday, September 13, 2024
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UP Constable Recruitment Exam: नकल से योग्यता और समान अवसर के सिद्धांत कमजोर होते हैं, कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

नकल से योग्यता और समान अवसर के सिद्धांत कमजोर होते हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में अपनी जगह दूसरे को बैठाने वाले की जमानत खारिज कर दी। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी कर कहा कि नकल करने वालों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में नकल से योग्यता और समान अवसर के सिद्धांत कमजोर होते हैं। परीक्षा में नकल व गड़बड़ी करने वालों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। यह तल्ख टिप्पणी कर हाईकोर्ट ने वाराणसी में यूपी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में अपनी जगह दूसरे को बैठाने के आरोप में जेल में बंद अमरजीत चौरसिया की जमानत खारिज कर दी।

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत ने दिया है। वाराणसी के एसबी शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज, करौंदी सुंदरपुर में 17 फरवरी 2024 को यूपी कांस्टेबल भर्ती के लिए परीक्षा हुई थी। आवेदक अमरजीत चौरसिया के स्थान पर चंदन कुमार यादव परीक्षा दे रहा था।

बायोमीट्रिक सत्यापन के दौरान चंदन को स्कूल वालों ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। इसी मामले में अमरजीत के खिलाफ भी धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। आवेदक 20 मार्च 2024 से जेल में है। उसने जमानत के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई।

वकील ने दलील दी कि आवेदक को इस मामले में गलत फंसाया गया है। उसका चंदन कुमार से कोई सरोकार नहीं है। इसलिए जमानत दी जाती है तो वह इसका दुरुपयोग नहीं करेगा। वहीं, अपर शासकीय अधिवक्ता ने दलील दी कि चंदन ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि वह आवेदक के स्थान पर परीक्षा दे रहा था।

सह-अभियुक्त चंदन की जमानत याचिका को इस न्यायालय ने 12 जुलाई 2024 को पहले ही खारिज कर दी है। अत: आवेदक की जमानत भी खारिज करने योग्य है। कोर्ट ने संबंधित पक्षों के वकीलों को सुना और रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री का अवलोकन करने के बाद आवदेक की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
Courtsy amarujala.com
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