यह मामला पहले से न्यायालय में लंबित है। पीसीएस जे मुख्य परीक्षा की काॅपियों के मूल्यांकन के दौरान एक बंडल पर गलत कोडिंग के कारण उसमें रखीं 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां एक-दूसरे से बदल गई थीं। ऐसे में 25-25 अभ्यर्थियों को खाते में एक-दूसरे के नंबर चढ़ गए थे।
उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) मुख्य परीक्षा-2022 में 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां एक-दूसरे से बदल जाने के मामले में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने पांच अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए सफल घोषित किया है। आयोग ने शनिवार को संशोधित परिणाम जारी कर दिया।
यह मामला पहले से न्यायालय में लंबित है। पीसीएस जे मुख्य परीक्षा की काॅपियों के मूल्यांकन के दौरान एक बंडल पर गलत कोडिंग के कारण उसमें रखीं 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां एक-दूसरे से बदल गई थीं। ऐसे में 25-25 अभ्यर्थियों को खाते में एक-दूसरे के नंबर चढ़ गए थे। अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने जब सूचना के अधिकार के तहत अपनी कॉपियां देखीं तो उसमें किसी दूसरे की हैंडराइटिंग थी।
इस पर अभ्यर्थी ने न्यायालय में याचिका दाखिल की और मामला न्यायालय में जाते ही आयोग ने आंतरिक कमेटी से जांच शुरू करा दी, जिसमें कॉपियों की अदला-बदली का सच सामने आया। ऐसे में आयोग ने मुख्य परीक्षा में शामिल सभी 3019 अभ्यर्थियों को कॉपियां देखने के लिए आमंत्रित किया और रिजल्ट का परीक्षण भी शुरू करा दिया। इसी आधार पर पांच नए अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए घोषित किया गया है। इंटरव्यू का कार्यक्रम अलग से जारी किया जाएगा।
पांचों अभ्यर्थी अंतिम रूप से चयनित होंगे या नहीं, यह तो साक्षात्कार में मिलने वाले अंकों के आधार पर तय होगा। लेकिन, मुख्य परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी होने से यह स्पष्ट हो गया है कि आयोग कर्मियों की गलती के कारण मुख्य परीक्षा में शामिल पांच योग्य अभ्यर्थी सफल होने के बावजूद चयन प्रक्रिया की दौड़ से बाहर हो गए थे, जिन्हें अब साक्षात्कार में शामिल होने का मौका मिला है।
कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा परिणाम
यूपीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक हर्षदेव पांडेय के अनुसार मुख्य परीक्षा का संशोधित परिणाम रिट याचिका संख्या-9055/2024 श्रवण पांडेय बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य तथा परीक्षा के संबंध में दाखिल समान प्रकृति की अन्य याचिकाओं में इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से पारित होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा।
सिर्फ पांच अभ्यर्थियों तक सीमित नहीं मामला
कॉपियों की अदला-बदली का मामला सिर्फ पांच अभ्यर्थियों तक सीमित नहीं है। आयोग सूत्रों के अनुसार कई ऐसे अभ्यर्थी भी हैं, जो इंटरव्यू में शामिल हुए थे और मुख्य परीक्षा में कॉपियां बदले जाने के कारण उनके अंक घटे और बढ़े थे। इनमें से कुछ अभ्यर्थियों का चयन हो गया और कुछ छंटकर बाहर हो गए। ऐसे में आयोग जब संशोधित अंतिम चयन परिणाम जारी करेगा तो अन्य अभ्यर्थी भी प्रभावित होंगे और उनमें से कुछ मेरिट से बाहर हो सकते हैं और कुछ का चयन हो सकता है।
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