अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2018 कुंभ मेले में लगभग 12 हजार होमगार्डाें की तैनाती की गई थी। इन जवानों को काैशांबी, प्रतापगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, कानपुर, लखनऊ और रायबरेली समेत अन्य शहरों से बुलाया गया था।
महाकुंभ को लेकर जोरो-शोर से तैयारियां शुरू हो गई हैं। सुरक्षा के मद्देनजर होमगार्ड जवानों की बड़ी जिम्मेदारी होती है, लेकिन वर्तमान में होमगार्ड विभाग के पास पर्याप्त जवान ही नहीं हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, 3,800 की रिक्त पर महज 2,500 जवान ही मुस्तैद हैं। जिस कारण विभाग को अक्सर इनकी ड्यूटी लगाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि विभाग में 1,300 जवानों की भर्ती की तैयारी चल रही है। जल्द ही शासन स्तर से प्रदेश में भर्तियां शुरू हो सकती हैं।
अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2018 कुंभ मेले में लगभग 12 हजार होमगार्डाें की तैनाती की गई थी। इन जवानों को काैशांबी, प्रतापगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, कानपुर, लखनऊ और रायबरेली समेत अन्य शहरों से बुलाया गया था। अगले साल होने वाले महाकुंभ में चालीस करोड़ से अधिक लोगों के आने की संभावना है। जिसे देखते हुए होमगार्डाें की अतिरिक्त मांग रहने वाली है। यह आंकड़ा बीस हजार के पार भी पहुंच सकता है। होमगार्ड डीआईजी संतोष सुचारी ने बताया कि महाकुंभ को देखते हुए जल्द ही भर्तियां निकालने की तैयारी चल रही है। वर्तमान में करीब ढाई हजार होमगार्ड जवान की जिले में पोस्टिंग है।
शासन स्तर से 32 हजार भर्तियां
सूत्र बताते हैं कि होमगार्ड जवानों की कमी सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं है, बल्कि अन्य शहरों के होमगार्ड विभाग का यही हाल है। इसका मुख्य कारण कारण है कि होमगार्ड जवानों की आखिरी बार भर्ती वर्ष 2011 में हुई थी। वहीं, इस बार होने वाली भर्तियों में करीब 32 हजार रिक्त को भरा जाएगा।
वीआईपी और ट्रैफिक पुलिस में अधिक तैनाती
वीआईपी ड्यूटी से लेकर यातायात कंट्रोल करने में सबसे अहम भूमिका होमगार्ड जवानों की हाेती है। आंकड़ों के अनुसार, इन्हीं दो जगहों पर सबसे ज्यादा होमगार्ड की ड्यूटी लगती है। सूत्रों ने बताया कि होमगार्ड जवानों की संख्या 2500 जरूर है, लेकिन इनमें से भी कई सेवानिवृत्त होने के कगार पर हैं। यही वजह है कि होमगार्ड भर्ती इन दिनों जरूरी हो गया है।
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