श्रीकृष्ण की जन्म वृंदावन और लीलास्थली मथुरा-वृंदावन में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु रोप-वे के जरिये आराध्य बांकेबिहारी के मंदिर तक पहुंच सकेंगे। इस परियोजना की शुरुआत वृंदावन से की जाएगी।
श्रीकृष्ण की जन्म और लीलास्थली मथुरा-वृंदावन में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु रोप-वे के जरिए आराध्य बांकेबिहारी सहित अन्य प्रमुख मंदिरों तक पहुंच सकेंगे। इस परियोजना से शुरुआत वृंदावन से की जाएगी। प्रस्तावित क्षेत्र का शनिवार को उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद के अधिकारियों ने तकनीकी टीम के साथ निरीक्षण किया। रोप-वे के बनने के बाद वृंदावन में लगने वाले जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी। इस योजना पर 80 से 100 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर खर्च आने का प्रारंभिक अनुमान है। परियोजना तीन चरणों में पूरी होगी। पहले और दूसरे चरण के तहत वृंदावन और तीसरे चरण में मथुरा में विस्तार होगा।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने नेशनल रोप-वे डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ मिलकर वृहद रोप-वे का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके लिए परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह और नेशनल रोप-वे डेवलपमेंट प्रोग्राम के सीईओ प्रकाश गौड़ सहित अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण किया। सीईओ ने बताया कि रोप-वे का प्लान तीन चरणों में पूरा होगा।
प्रथम चरण में यह छटीकरा मार्ग पर वैष्णो देवी मंदिर से शुरू होकर बिहारीजी मंदिर होकर दारुक पार्किंग तक जाएगा। इसके बीच चंद्रोदय मंदिर, मल्टीलेवल पार्किंग, प्रेम मंदिर, इस्कॉन मंदिर, अटल्ला चुंगी तक आठ स्टेशन बनाए जाएंगे। पूरी दूरी में 40 टावर बनाए जाएंगे। पहले चरण में बनने वाला रोप-वे 7.9 किमी लंबा होगा। यह दूरी 4 मीटर प्रति सेकंड की गति से लगभग 32 मिनट में पूरी होगी।
1500 से 2000 व्यक्ति प्रति घंटा सफर तय कर सकेंगे
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