करीब एक महीने पहले एसआरएन अस्पताल में स्ट्रेचर की समस्या गहराई थी। इसके चलते 40 स्ट्रेचरों की मरम्मत कराई गई थी। हालांकि, कुछ ही दिन में 25 स्ट्रेचर कबाड़ हो गए। ऐसे में इतने बड़े अस्पताल में मात्र 15 स्ट्रेचर ही मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। वहीं, इसकी भरपाई का काम एंबुलेंस के स्ट्रेचरों से किया जा रहा है।
स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) परिसर में हो रहा निर्माण कार्य कई प्रकार की परेशानियों को जन्म दे रहा है। इसका खामियाजा यहां आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसी ही एक समस्या स्ट्रेचर और व्हीलचेयर की है। खराब सड़क पर चलने के कारण अब तक 40 में से 25 स्ट्रेचर खराब हो चुके हैं। ऐसे में मात्र 15 स्ट्रेचर ही मरीजों को ढोने का काम रहे हैं। इसके अलावा एसआरएन अस्पताल की सभी 11 व्हीलचेयर खराब हो चुकी हैं। इसकी वजह से कई मरीजों को पैदल ही अस्पताल परिसर में चक्कर लगाना पड़ता है।
करीब एक महीने पहले एसआरएन अस्पताल में स्ट्रेचर की समस्या गहराई थी। इसके चलते 40 स्ट्रेचरों की मरम्मत कराई गई थी। हालांकि, कुछ ही दिन में 25 स्ट्रेचर कबाड़ हो गए। ऐसे में इतने बड़े अस्पताल में मात्र 15 स्ट्रेचर ही मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। वहीं, इसकी भरपाई का काम एंबुलेंस के स्ट्रेचरों से किया जा रहा है।
वहीं, खराब सड़कों के कारण करीब एक दर्जन 108 एंबुलेंस के स्ट्रेचर भी खराब हो गए हैं। इसके चलते कई एंबुलेंस चालकों ने स्ट्रेचर देने में आनाकानी करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा एसआरएन अस्पताल में कुल 11 व्हीलचेयर थीं। यह सभी व्हीलचेयर वर्तमान समय में खराब हो चुकी हैं।
इसकी वजह से कई मरीजों को पैदल ही अस्पताल परिसर में चक्कर लगाना पड़ता है। कई मरीज तो कैथेटर लगाए अस्पताल परिसर में टहलते मिल जाते हैं। अस्पताल की इस स्थित से दो चार हो रहे मरीज डर की वजह से कुछ भी बोलने को तैयार नहीं होते। कई मरीज तो यह कहकर चुप हो जाते हैं कि भईया जो है, सब सही है।